वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />४ जून, २०१४<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />दोहा:<br />कवि तो कोटिक कोटि है,<br />सिर के मूड़े कोट ।<br />मन के मूड़े देखि करि,<br />ता संग लीजै औट । ।<br />~ गुरु कबीर<br /><br />प्रसंग:<br />सही संगती कैसी?<br />कैसे जानें सही संगती का असर?<br />गलत संगत कैसे पहचानें?<br />सच्ची मित्रता, सच्ची संगति कैसी होनी चाहिए?<br />क्या सत्संगति में ईश्वर का सुमिरन अधिक आसान हो जाता है?<br />सही संगति कैसे चुनें?<br />किसकी संगति करना सही?<br />कुसंगति से कैसे बचें?<br />किसकी संगति करें?<br />सत्संगति की पहचान कैसे करें?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते